December 19, 2025

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ठंड से बचने के लिए जलाई गई अंगीठी कही ले ना ले आपकी जान, सोने से पहले बंद कर दे अपने कमरे का हीटर और अंगीठी !

ठंड बढ़ने के साथ अंगीठी और हीटर का भी प्रयोग बढ़ जाता है। कई बार लोग अंगीठी जलाकर या हीटर चालू कर सो जाते हैं। इससे कमरे में ऑक्सीजन का स्तर घटने लगता है और हानिकारक गैस बनने लगती है। ऐसे में व्यक्ति बेहोश हो सकता है। लंबे समय तक यही स्थिति बनी रहने से मौत भी हो सकती है। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में सुबह और शाम कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोग ठंड से बचाव के लिए अंगीठी का प्रयोग कर रहे हैं। शहरी क्षेत्र रूम हीटर और ब्लोअर का प्रयोग सबसे अधिक हो रहा है वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एस के झा का कहना है कि अंगीठी को जलाने के लिए लकड़ी या कोयले का प्रयोग किया जाता है। जब इसे जलाया जाता है तो कार्बन मोनोऑक्साइड गैस पैदा होती है। हवा में इसकी मात्रा बढ़ने के साथ ऑक्सीजन का स्तर घटने लगता है। इस स्थिति में व्यक्ति बेहोशी की हालत में चल जाता है। ऐसे में दम घुटने या ब्रेन हेमरेज से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। वहीं, बंद कमरे में हीटर और ब्लोअर चलाने से तापमान बढ़ता है, जिससे हवा शुष्क हो जाती है। कमरे में आक्सीजन का स्तर भी धीरे-धीरे घटने लगता है और घुटन महसूस होने लगती है। इससे बेहोशी आने लगती है। इसलिए जरूरी है कि सोने से पहले अंगीठी बुझाएं और हीटर बंद करें।

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