सफेद नंबर प्लेट लगाकर घडल्ले से दौड रही टैक्सी गाडिया, उतराखंड सरकार के बोर्ड और सायरन की आवाज से थर थर कापता परिवहन और पुलिस विभाग, कानून का डंडा चलता है सिर्फ आम और शरीफ लोगो पर ।
देहरादून, उत्तराखंड में वीआईपी कल्चर इन दिनों खूब हावी होता हुआ दिखाई दे रहा है कोई भी अधिकारी खुद को नियमों से बांधना नहीं चाहता, जिसका जीता जागता उदाहरण शासन से लेकर विभागों में लगी वह गाड़ियां हैं जो लगी तो टैक्सी के रूप में हैं लेकिन उन पर पीली नंबर प्लेट नहीं बल्कि सफेद नंबर प्लेट लगाई गई है, यह गाड़ियां शासन से लेकर विभागों में खूब सरपट दौड़ रही हैं लेकिन मजाल है कि परिवहन विभाग के अधिकारी उन गाड़ियों को रोक कर कार्रवाई कर सकें ? अब भला सैया भये कोतवाल तो फिर डर काहे का…….. अधिकारी नियम बनाने के लिए तो तमाम सख्ती दिखाते है लेकिन नियमों का पालन करने में वह खुद को नियम से अलग ही समझते हैं।। अधिकारियों के इन वाहनों पर पीली नंबर प्लेट न लगाने की असल वजह तो किसी को मालूम नहीं है लेकिन इतना तो जरूर है कि अधिकारियों को पीली नंबर प्लेट की गाड़ी में बैठते हुए शायद लाज आती होगी। सरकार भले ही नंबर प्लेट को लेकर सख्त निर्देश जारी कर चुकी है की टैक्सी गाड़ियों में पीली नंबर प्लेट लगी होगी जबकि प्राइवेट गाड़ियों में सफेद नंबर प्लेट होगी शासन के तमाम ऐसे अधिकारी हैं जो चलते तो टैक्सी में लेकिन उनमें पीली प्लेट ना लगवा कर वह सफेद प्लेट पर उत्तराखंड शासन उत्तराखंड सरकार जैसे नाम लिखवा कर दौड़ते हैं इसके आगे ना ट्रैफिक पुलिस की मजाल है और ना ही परिवहन विभाग की की कोई हाथ देने की हिमाकत भी कर सके जबकि राज्य के मुखिया और पुलिस महानिदेशक ने कई बार वीआईपी कल्चर का रौब गालिब करने वाले अधिकारियो को नसीहत दी है लेकिन धरातल पर असर आज तक दिखाई नही पडा।
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