August 4, 2025

rashtriyadiyasamachar

एक राष्ट्र, एक विधान, एक नजर,एक खबर

कांवड़ यात्रा में बढ़ती उग्रता चिंताजनक, श्रद्धा में होती है धैर्य की दरकार!

 

राजीव शास्त्री (राष्ट्रीय दिया समाचार) हरिद्वार

कांवड़ यात्रा में शामिल शिवभक्तों द्वारा हाल के दिनों में दिखाई जा रही उग्रता समाज के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है। पवित्र कांवड़ यात्रा का उद्देश्य भक्ति, संयम और सेवा है, लेकिन कुछ घटनाओं में कांवड़ियों का हिंसक रूप सामने आना इस परंपरा की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है।मान्यता है कि कांवड़ खंडित होने पर उसकी पवित्रता समाप्त हो जाती है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि यदि कोई व्यक्ति अनजाने में कांवड़ से टकरा जाए या उससे गलती हो जाए तो उसके साथ क्रूरता की जाए। यह सोच से परे है कि भक्तिभाव से ओतप्रोत इस यात्रा में भाग लेने वाले शिवभक्त कैसे अपना धैर्य खो बैठते हैं और हिंसक हो उठते हैं।बीते दिनों कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनमें मामूली विवाद को लेकर कांवड़ियों द्वारा मारपीट की गई या सड़क पर उत्पात मचाया गया। यह स्थिति न केवल आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है, बल्कि श्रद्धालुओं की छवि को भी धूमिल कर रही है।समाज के बुद्धिजीवियों और धार्मिक गुरुओं का मानना है कि शिवभक्ति में क्रोध और हिंसा का कोई स्थान नहीं है। भगवान शिव स्वयं करुणा और क्षमा के प्रतीक हैं, ऐसे में उनके भक्तों को भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चलना चाहिए। कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले हर शिवभक्त को यह स्मरण रखना चाहिए कि धैर्य ही सबसे बड़ी भक्ति है।प्रशासन और स्थानीय लोगों की अपील है कि सभी कांवड़ यात्री संयम बरतें, किसी भी स्थिति में कानून हाथ में न लें और यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से पूर्ण करें, जिससे कांवड़ यात्रा की गरिमा और श्रद्धा दोनों बनी रहें।

You may have missed

Share