स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में लम्बे समय से गैरहाजिर चल रहे बांडधारी चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर गायब चिकित्सकों की सूची स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर से शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके साथ ही राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से चयनित चिकित्सकों को नियुक्ति देने तथा विभागान्तर्गत में चिकित्सकों, नर्सिंग अधिकारियों एवं एएनएम के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिये भी अधिकारियों को कहा गया है।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने बांड व्यवस्था के तहत तैनात डॉक्टरों के लम्बे समय से गैरहाजिर होने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को गायब चल रहे बांडधारी चिकित्सकों की सूची दो सप्ताह के भीतर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने गैरहाजिर चिकित्सकों के खिलाफ अनुबंध की शर्तों के अनुरूप सख्त कार्रवाई कर सेवाएं समाप्त करने को भी अधिकारियों को कहा। विभागीय मंत्री ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों से बांड व्यवस्था के तहत पासआउट एमबीबीएस चिकित्सकों को तीन व पांच साल के लिये पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों में तैनात किया जाता है, ताकि पर्वतीय क्षे़त्रों में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। लेकिन कई बांडधारी चिकित्सक बिना बताये लम्बे समय से गायब चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बांड का उल्लंघन करने वाले चिकित्सकों को कतई भी बकसने के मूड में नहीं है, ऐसे चिकित्सकों से बांड की शर्तों के अनुरूप धनराशि की वसूली की जायेगी और उनकी सेवाएं भी समाप्त कर दी जायेगी, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।
बैठक में विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से चयनित 222 नये चिकित्साधिकारी को शीघ्र तैनाती देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। इसके अलावा उन्होंने विभाग के अंतर्गत चिकित्सकों, नर्सिंग अधिकारियों एवं एएनएम के रिक्त पदों का अधियाचन शीघ्र ही राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजने को भी अधिकारियों को कहा। जिसमें चिकित्सकों के 169, नर्सिंग अधिकारी 267 तथा एएनएम के 180 पद शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने तकनीकी संवर्ग के विभिन्न पदों पर भी भर्ती करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।
बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आर.एस. बिष्ट, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डॉ. अजीत जौहरी, डॉ. अनिल नेगी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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