December 26, 2025

rashtriyadiyasamachar

एक राष्ट्र, एक विधान, एक नजर,एक खबर

वन विभाग की भूमी पर बनी 200 मजारो पर चला बुलडोजर, 27 अवैध मंदिर भी किये जमीदोज,2 गुरूद्वारो को 15 दिन मे हटाने का थमाया नोटिस।

राजीव भार्गव (राष्ट्रीय दिया समाचार) देहरादून

प्रदेश में वन भूमि पर हुए अतिक्रमणों को हटाने का धामी सरकार का अभियान अब गति पकड़ने लगा है। वन भूमि पर खासकर धार्मिक गतिविधियों के नाम पर हुए अतिक्रमण पर अब तेजी से बुलडोजर चल रहा है। विशेष अभियान के तहत अभी तक की कार्रवाई में 27 मंदिर और 200 से अधिक मजारों को तोड़ा गया है, वहीं, दो गुरुद्वारों को नोटिस थमाया गया है। कई दूसरे अतिक्रमण भी इस कार्रवाई की चपेट में आए हैं। अब तक वन विभाग 56 हेक्टेयर वन भूमि को कब्जा मुक्त कराने में कामयाब रहा है। प्रदेश में साढ़े 11 हजार हेक्टेयर से अधिक वन भूमि अतिक्रमण की चपेट में है। कुमाऊं क्षेत्र में 9490 हेक्टेयर, जबकि गढ़वाल क्षेत्र में 2294 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण हुआ है। इस तरह से 80 प्रतिशत कुमाऊं, जबकि 20 प्रतिशत अतिक्रमण गढ़वाल क्षेत्र में हुआ है।

धार्मिक गतिविधियों के अलावा तमाम लोगों की ओर से अतिक्रमित की गई भूमि पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। अभी तक वन विभाग के अधिकारी ऐसे अतिक्रमणों से मुंह चुराते रहे हैं। लेकिन अब धामी सरकार ने विशेष अभियान चलाते हुए अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी डॉ. पराग धकाते को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो प्रतिदिन राज्यभर से अपडेट लेकर शासन को अवगत करा रहे हैं।

कई जगह वन भूमि पर बकायदा खेती की जा रही
विशेष अभियान के तहत अभी तक 56 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। इनमें धार्मिक गतिविधियों के अलावा ढाबे, खोमचे, पंप स्टेशन, झुग्गी झोपड़ियां और कुछ अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी शामिल हैं। कुछ जगहों पर वन भूमि पर बकायदा खेती की जा रही थी। ऐसे मामलों में भी वन भूमि को मुक्त कराया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में 27 मंदिर, 200 मजारों को हटाया गया है। ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में स्थित वन भूमि पर बने दो गुरुद्वारों को नोटिस दिया गया है।

इस बीच कुछ रेंज अधिकारियों की ओर से धार्मिक और अन्य अतिक्रमणों काे छुपाने की भी खबरें आई हैं। इस पर शासन ने सख्त रूख अपनाया है। डॉ. धकाते ने बताया इस संबंध में सभी सर्किलों और प्रभागीय कार्यालयों सहित रेंजों तक यह बात स्पष्ट रूप से पहुंचा दी गई है, यदि किसी ने भी अतिक्रमण से संबंधित सूचना छुपाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नोडल अधिकारी डॉ. धकाते ने बताया कि वन विभाग की ओर से अतिक्रमण चिह्नित किए जाने के साथ ही संबंधित पक्ष को नोटिस भी भेजा रहा है, यदि उनकी ओर से 15 दिन के भीतर खुद अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई भी की जाएगी।

 

You may have missed

Share