बद्रीनाथ धाम में दर्शन के बाद पीएम मोदी।
सीमावर्ती गांवों में विकास जीवन का उत्साह हो
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड काल में कोरोना की वैक्सीन पहाड़ों तक पहुंचाई गई। इसमें उत्तराखण्ड और हिमाचल में बेहतर काम किया गया। गरीब कल्याण योजना में उत्तराखण्ड के लाखों लोगों को लाभ मिला। डबल इंजन सरकार ने होम स्टे और स्किल डेवलपमेंट से युवाओं को जोड़ा है। विकास कार्यों में तेजी आई है। पर्यटन का विस्तार हो रहा है। जल जीवन मिशन से गांवों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है। सागरमाला, भारतमाला की तरह अब पर्वतमाला परियोजना पर काम होने जा रहा है। रोपवे पर बहुत बड़ा काम होने जा रहा है। बॉर्डर के गांवों में चहल पहल बढ़नी चाहिए। विकास जीवन का उत्साह होना चाहिए। ताकि जो गांव छोड़कर गये है, उनका वापस लौटने का मन करे, हमें ऐसे जिंदा गांव बनाने हैं।
केदारनाथ धाम में पीएम मोदी।
सीमाओं पर बसा हर गांव देश का पहला गांव
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा माणा को भारत के अन्तिम गांव की बजाय देश का पहला गांव कहे जाने पर मुहर लगाते हुए कहा कि अब तो मेरे लिये भी सीमाओ पर बसा हर गांव देश का पहला गांव ही है। पहले जिन इलाकों को देश के सीमाओं का अंत मानकर नजर अंदाज किया जाता था, हमने वहां से देश की समृद्धि का आरंभ मानकर शुरू किया। लोग माणा आएं , यहां डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है।
बदरीनाथ धाम में दर्शन करने के बाद चारधाम विकास योजना का शिलान्यास करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
माणा में 25 साल पुराना जीवन याद किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि माणा गांव से जुड़ी अपनी पुरानी स्मृति बताते हुए कहा कि आज से 25 वर्ष पहले जब वह उत्तराखण्ड में भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते थे एक अनजाने जीवन के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे तो उस समय उनके द्वारा माणा में उत्तराखण्ड भाजपा कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी, तो मेरे कार्यकर्ता नाराज भी हुए थे इतने दूर इतनी मेहनत से जाना पड़ेगा। तब मैंने कहा था कि जिस दिन भाजपा उत्तराखण्ड के दिल में माणा गांव का महत्व पक्का हो जायेगा, उस दिन उत्तराखण्ड की जनता के दिल में महत्व बन जायेगा। और उसी का परिणाम है, माणा गांव की मिट्टी की ताकत है। माणा की धरती के आशीर्वाद से हमें दुबारा सेवा करने का मौका मिला है।
माणा गांव में जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी।
21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज के दिन बाबा केदार और बाबा बद्रीविशाल के दर्शन और उनका आर्शीवाद प्राप्त करके जीवन धन्य हो गया है। उन्होंने कहा कि बाबा के सानिध्य में, बाबा के आदेश से, बाबा के कृपा से पिछले बार जब मैं आया था तो कुछ शब्द मेरे मुंह से निकले थे कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का है। मैं आप सभी को बताना चाहुंगा कि वह शब्द मेरे नही थे, वे शब्द बाबा के आर्शीवाद से मेरे मुख से निकले थे। आज मैं आप सभी के बीच इन नई परियोजनाओं के साथ फिर वही संकल्प दोहराने आया हू।
बदरीनाथ धाम में दर्शन के बाद पीएम मोदी।
अपनी विरासत पर गर्व और विकास के लिए प्रयास
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के विकसित भारत के दो प्रमुख स्तंभ है, पहला अपनी विरासत पर गर्व और विकास के लिए हर संभव प्रयास। उत्तराखण्ड इन दोनो ही स्तम्भों को मजबूत कर रहा है। आज मुझे दो रोपवे के शिलान्यास का मौका मिला है। इससे केदारनाथ जी और हेमकुण्ड साहिब के दर्शन करना और आसान हो जायेगा। इन रोपवे से काम करने वाले लोगों पर देश के 130 करोड़ लोगों का आर्शीवाद बरसने वाले हैं। श्रमिकों और एंव इंजिनियरों से बात करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि वे भगवान का काम कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्रवासियों से इन काम में लगे मजदूरों का ध्यान रखने का आग्रह किया।
आस्था के केंद्र हमारे लिये प्राणशक्ति
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी की मानसिकता ने लोगों को ऐसा जकडा हुआ है कि प्रगति का हर कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है। विदेशों में संस्कृति से जुड़े ऐसे कार्यों की तारीफे की जाती थी और भारत में नहीं। गुलामी की मानसिकता ने हमारी पूजनीय आस्था स्थलों को जर्जर स्तर पर ला दिया था। दशकों तक हमारे धार्मिक स्थलों की अवहेलना हुई। आस्था के यह केन्द्र सिर्फ ढ़ांचा नही बल्कि हमारे लिये यह प्राणशक्ति है। आज अयोध्या, काशी, उज्जैन अपने गौरव को पुनः प्राप्त कर रहे है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम को श्रद्धा के साथ आधुनिकता से जोडा जा रहा है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है, गुजरात के पावागढ़ में मां काली के मंदिर से लेकर देवी विंध्यांचल कोरिडोर तक भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है। अब हमारे दिव्यांग साथी भी दर्शन कर रहे हैं। गिरनार में जब रोपवे बनाया तो 80 साल के बुजुर्ग भी यात्रा करने लगे, कई लोगों ने मुझे चिटठी भेज कर धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की देवभूमि, इस परिवर्तन का साक्षी बन रहे हैं। डबल इंजन की सरकार बनने से पहले एक सीजन में ज्यादा से ज्यादा 5 लाख श्रद्धालु आया करते थे अब इस सीजन में यह संख्या 45 लाख हो गई है। आस्था और आध्यात्मिकता के पुनर्निमार्ण का एक और पक्ष है। पहाड़ के लोगों के ईज ऑफ लिविंग का, उनके रोजगार का, जब पहाड़ में रोड, रेल और रोपवे पहुंचते तो अपने साथ रोजगार लेकर आते हैं और पहाड़ का जीवन भी शानदार, जानदार और आसान बना देते हैं। अब तो हमारी सरकार ड्रोन को भी सामान ढोने का कार्य कर रही है। हम उसको लाना चाहते है। इससे पहाड़ के लोगों को अपने फल और सब्जी बाजार तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी।
पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास तेज : सीएम धामी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें आदरणीय प्रधानमंत्री जी जैसे महामुनि का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। जिनके विचारों से सम्पूर्ण विश्व लाभान्वित हो रहा है। साथ ही हमें गर्व है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम उस महान यात्रा के सहयात्री हैं जिस यात्रा का गंतव्य भारत को पुनः विश्व गुरू बनाना है। प्रधानमंत्री जी एक तपस्वी की भांति किस प्रकार से नए भारत के निर्माण की अग्नि को सफलतापूर्वक प्रज्जवलित किये हुये हैं। उत्तराखंड की समस्त जनता की ओर से विश्वास दिलाता हूं कि इस महायज्ञ की सफलता के लिए जिस भी आहुति की आवश्यकता होगी उत्तराखंड उसके लिए सदैव तत्पर रहेगा। हम उत्तराखंड को ’’उत्कृष्ट उत्तराखंड’’ बनाने के ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, आज अभूतपूर्व रूप से भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है और हमारी आस्था के केन्द्रों का इतिहास और महत्व उसी गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है। सीएम धामी ने कहा कि आज विश्व के समक्ष जो भी समस्याएं हैं उनके समाधान के लिये सभी विश्व शक्तियां भारत की ओर देख रही हैं तथा भारत की नीतियों का अनुसरण कर रही हैं।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर राज्यपाल ले0ज0 श्री गुरमीत सिंह (से.नि.), कैबिनेट मंत्री डा0 धन सिंह रावत, सौरभ बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय सांसद श्री तीरथ सिंह रावत, उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र भट्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
इन परियोजनाओं का शिलान्यास
3400 करोड़ रुपये से अधिक की रोपवे और सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया। जिनमें गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजनाओं भी शामिल थी। केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। इन दोनों रोपवे को लगभग 2430 करोड़ रुपये की संचयी लागत से विकसित किया जाएगा। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
कार्यक्रम के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया गया। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होगा
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