August 10, 2025

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डी आई एस के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म “SchoolPad” हैकिंग एवं ठगी के मामले में सक्रियता दिखाते हुए महज कुछ ही दिनों में किया खुलासा, फर्जी ऐप बनाकर अभिभावकों को भ्रामक संदेश भेजकर करोड़ो की ठगी करने वाले 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार, पकडे गये आरोपियो मे से दो है कुल 18,19 साल के आरोपी !

 

मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों एवं पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, दीपम सेठ के मार्गदर्शन में, साइबर पुलिस निरंतर लोगों के पैसे बचाने, जागरूकता अभियान चलाने और देश भर से गिरफ्तारियां करने में सक्रिय है। साथ ही, साइबर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर साइबर पीड़ितों को न्याय दिलाने का काम भी प्रभावी रूप से किया जा रहा है। अभियोगों की समीक्षा ADG लॉ एवं आर्डर/साइबर डॉ. वी. मुरुगेसन तथा IG लॉ एवं आर्डर/साइबर डॉ. नीलेश आनंद भरने द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जाती है।इसी साल ऑपरेशन प्रहार के तहत देशभर में कई गिरफ्तारियां की गईं और कई लीगल नोटिस भी जारी किए गए। साथ ही, चार धाम से संबंधित वेबसाइटों तथा हेली बुकिंग सेवाओं को बंद कराने जैसी महत्वपूर्ण कार्रवाई भी अमल में लाई गई है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, नवनीत सिंह* द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण *दून इंटरनेशनल स्कूल – सिटी कैंपस, देहरादून,* उत्तराखंड द्वारा माह जुलाई 2025 में दर्ज कराया गया जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा बताया कि हमारे विद्यालय के छात्र-संबंधित ऐप में गंभीर साइबर बुलीइंग/हैकिंग हुई व विद्यार्थियों को भ्रामक संदेश भेजे जाने लगे । विद्यालय का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म “SchoolPad” है जिसका उपयोग विद्यार्थी और अभिभावक प्रतिदिन स्कूल अपडेट देखने, समय सारिणी जानने तथा विद्यालय शुल्क जमा करने आदि के लिए करते हैं। शिकायतकर्ता द्वारा बताया कि अज्ञात व्यक्ति ने बिना अनुमति प्रवेश किया व विद्यार्थियों के नाम, संपर्क विवरण और लॉगिन डेटा जैसी जानकारी लीक किया व हैकर हमारे विद्यालय की तीनों शाखाओं DIS सिटी कैंपस, DIS रिवरसाइड और DIS मोहाली के छात्र डेटा तक पहुँच बना ली । और उन्होंने SchoolPad प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों और अभिभावकों को एक फर्जी संदेश भेजा, जिसमें ₹4990/- की राशि एआई सक्षम रोबोटिक्स लैब के लिए जमा करने को कहा गया और यह संदेश आधिकारिक प्रतीत भी हो रहा था व अभिभावकों को धोखे से निजी जानकारी देने या शुल्क गलत खाते में जमा करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक, अंकुश मिश्रा एवं विवेचना निरीक्षक विकास भारद्वाज* साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त विद्यालय का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म “SchoolPad, बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित सर्विस प्रदाता ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचाकर कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में विद्यालय का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म “SchoolPad द्वारा विद्यालय शुल्क प्रणाली से पीड़ित से लाभ कमाने के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में धनराशि स्थानान्तरित करवायी गयी ।

विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आए विद्यालय का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ,बैंक खातों तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया गया । पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना के बैक के लाभार्थी खाताधारक मोहम्मद रिजवान पुत्र बालम ख़ान निवासी ग्राम मुल्लापुर पोस्ट रिठौरा जिला बरेली उत्तर प्रदेश उम्र-19 साल , सुदामा दिवाकर पुत्र ओम प्रकाश निवासी आकाश पुरम आर०के० यूनिवर्सिटी, बरेली,नज़दीक बब्बू स्किराना स्टोर टोर,और मोहम्मद फ़राज़ पुत्र सरताज निवासी बनखाना गुलाबनगर बरेली उत्तरप्रदेश उम्र-18 साल को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्त की तलाश जारी की । साईबर टीम द्वारा बीएनएसएस के अन्तर्गत प्रकाश में आये अभियुक्त मोहम्मद रिजवान पुत्र बालम ख़ान , सुदामा दिवाकर पुत्र ओम प्रकाश व मोहम्मद फ़राज़ पुत्र सरताज की तलाश बरेली उ0प्र0 जाकर की गयी व अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही बीएनएसएस के अन्तर्गत की गई ।

 

*अपराध का तरीका:*

अभियुक्त द्वारा ऑफिशियल विद्यालय का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म “SchoolPad” ऐप की प्रतिरूपित करते हुए फर्जी इंटरफेस तैयार किया और फिर तकनीकी तरीकों से असली प्लेटफॉर्म में अनधिकृत प्रवेश (हैकिंग) किया सिस्टम में सेंध लगाकर तीनों शाखाओं (सिटी कैंपस, रिवरसाइड और मोहाली) के विद्यार्थियों के नाम, संपर्क विवरण और लॉगिन जानकारी हासिल की व एआई सक्षम रोबोटिक्स लैब” शुल्क के नाम पर ₹4990/- जमा करने का संदेश विद्यार्थियों और अभिभावकों को भेजा गया संदेश को इस तरह से डिजाइन किया गया कि वह स्कूल की आधिकारिक सूचना लगे, जिससे लोग आसानी से भ्रमित हो जाएँ।

प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त ने साईबर अपराध हेतु जिस बैंक खातों का प्रयोग किया गया है उसमें मात्र कुछ माह में ही करोडो रूपयों का लेन-देन होना प्रकाश में आया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि अभियुक्तगण के विरुद्ध देश के कई राज्यों में साईबर अपराधों में FIR व अन्य शिकायतें दर्ज हैं । जिसके सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है ।कुछ शिकायतें निम्नवत है।

*1-मोहम्मद रिज़वान (पुत्र – बालम ख़ान) के विरुद्ध थाना इज्जतनगर, बरेली में एफ.आई.आर. संख्या 296/2025 अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धाराएं 318(4), 319(2), 338, 338(3), 340(2) एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(d) में मुकदमा पंजीकृत है।*

*2- सुदामा दिवाकर (पुत्र ओम प्रकाश) के विरुद्ध पूर्व में थाना इज्जतनगर में एफ.आई.आर. संख्या 70/2023 अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धाराएं 379 एवं 411 में मुकदमा पंजीकृत है।*

 

*अभियुक्त व्यक्ति का नाम व पता-* 1-मोहम्मद रिजवान पुत्र बालम ख़ान निवासी ग्राम मुल्लापुर पोस्ट रिठौरा जिला बरेली उत्तर प्रदेश उम्र-19 साल

2-सुदामा दिवाकर पुत्र ओम प्रकाश निवासी आकाश पुरम आर०के० यूनिवर्सिटी, बरेली

3-मोहम्मद फ़राज़ पुत्र सरताज निवासी बनखाना गुलाबनगर बरेली उत्तरप्रदेश उम्र-18 साल

*बरामदगी-*

04 मोबाइल फोन (अपराध में प्रयुक्त)

02 बैंक पासबुक (धोखाधड़ी में प्रयुक्त खातों से संबंधित)

03 सिम कार्ड (फर्जी संदेश भेजने एवं लेन-देन हेतु प्रयुक्त)

 

*पुलिस टीम-*

निरीक्षक विकास भारद्वाज

उपनिरीक्षक राजीव सेमवाल

अपर उपनिरीक्षक सुरेश कुमार

कानि. शादाब अली

कानि. पवन पुण्डीर

 

 

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह* ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें, किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें, अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें । ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें ।तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करेंव शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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