August 1, 2025

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एक महीने भी नही झेल पाया बेटे की मौत का गम,उसी कमरे मे झूल गया जिसमे बेटे ने लगाई थी फांसी

दुनिया का सबसे बडा सच और सब से बडा बोझ * बाप के कंधे पर बेटे का जनाजा* होता है जो अच्छे भले इंसान को तोड देता है बहुत कम ऐसै बिरला होते है जो इस गम को सहन कर लेते है नही तो तो कोई तन से और कोई मन से अपाहिज हो जाता है इतना ही नही कोई कोई तो इस जहान से ही रूकसत हो जाता है इसका ताजा उदहारण उत्तराखंड की राजधानी देहरादून मे देखने को मिला जहा बीते कुछ हफ्ते पहले ऐक नौजवान जिसका नाम विजेन्द्र पंवार था जिसे प्यार से सब लोग अंकित कह कर बुलाया करते थे जो छोटा होने के कारण अपने पापा का अधिक प्यारा था न जाने किन कारणो से अपने घर मे ही फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली जिसके बाद से ही कुंवर सिंह पंवार गुम सुम रहने लगा था और शराब के सहारे अपने गम को भुलाने की कोशिश करने लगा लेकिन शराब गम को नही भुला पाई तो मजबूर बाप ने अपनी पत्नी और परिवार को अलविदा कर अपने अंकित के पास जाने की ठान ली और उसी कमरे मे फांसी का फंदा लगा कर अपनी जान दे दी जिसकी सूचना के इस सूचना पर तत्काल थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच कर 108 इमरजेंसी वाहन के कर्मचारियों की मदद से मृतक का शव नीचे उतारा गया मौके की फोटोग्राफी वीडियो ग्राफी की गई।

उल्लेखनीय है कि करीब 01 माह पूर्व इनके पुत्र विजेन्दर पंवार उर्फ अंकित द्वारा इसी कमरे में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी जिस कारण मृतक अवसाद में था और अत्यधिक शराब का सेवन कर रहा था। मौके से सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ मौके से शव को कोरोनेशन अस्पताल भिजवाया गया है चीता 47 में नियुक्त कर्मचारी अस्पताल गये हैं जहा पर चिकित्सक ने उन्ह मृत घोषत कर दिया एक माह मे दो मौतो से परिवार सदमे मे है

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