आंचल दूध में मेलामाइन की पुष्टि होने पर फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के द्वारा आंचल निर्माता कंपनी पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है। जिसे लेकर बुधवार को उत्तराखंड दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के सह निदेशक जयदीप अरोडा ने पत्रकार वार्ता कर सफाई देते हुए कहा कि आंचल दूध सुरक्षित है और उपभोक्ताओं को इसके सेवन से कोई नुकसान नहीं है, इस मामले की दोबारा जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आंचल गोल्ड के सारे सैंपल मानक पर खरे उतरे हैं, लैब ने क्लीन चिट भी दी है, तो ऐसे में प्वाइंट जीरो 8 पीपीएम का अंतर गले से नहीं उतर रहा, दूध के सैंपल उच्च लैब को भेज मामले की जांच कराई जाएगी। जयदीप अरोडा ये भी कहा कि आंचल दूध की छवि खराब करने की कोशिश भी हो सकती है, जिसकी वह विभागीय संलिप्तता पर भी जांच कराएंगे।
बता दें कि जनवरी 2023 में आंचल डेरी प्लांट से 9 नमूने क्वालिटी जांच के लिए रुद्रपुर प्रयोगशाला में भेजे गए थे। जिसमें आंचल गोल्ड ब्रांड के पैकेट दूध के 1 नमूने में 0.08 पीपीएम मेलामाइन की पुष्टि पाई गई। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एडिटिव रेगुलेशन 2011 के तहत 2.50 पीपीएम तक लिमिट परमिटेड है लेकिन रिपोर्ट में 2.58 पीपीएम पाई गई है। शेष 8 नमूने मानक के अनुरूप पाये गये हैं। ऐसे में इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है और देखने वाली बात होगी अब आंचल के अगले सैंपल की रिपोर्ट क्या आती है और लैब द्वारा क्लीन चिट मिल पाती है या नहीं यह तो वक्त ही बतायेगा । फिलहाल अंचल अपने इस दाग की सफाई के लिए अपनी लैब मे रोजाना होने वाली दूध की जांच का ब्योरा आनलाईन प्रदर्शित करने और एक माह का अभियान “आचल आपके द्वार ” चला कर घर घर जाकर उपभोक्ताओ को संतुष्ट करने का प्रयास करेगी।
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