देहरादून। महिला अध्यक्ष अधिवक्ता द्वारा सरेआम पत्रकार के साथ बदतमीज मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने पर कोतवाली नगर देहरादून में मुकदमा पंजीकृत प्राप्त जानकारी के अनुसार वरिष्ठ पत्रकार विकास गर्ग ने बताया कि वह पिछले 21 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी सेवायें दे रहा है। प्रार्थी एक सामाजिक व्यक्ति है तथा कई सम्मानित संस्थाओं में सम्मानित पदो पर नियुक्त है। यहीं नहीं प्रार्थी उत्तराखण्ड राज्य सरकार से राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त पत्रकार है।
यह कि प्रार्थी जिस मकान 99 मन्नु गंज, देहरादून में निवास कर रहा है।
उसी मकान के विवाद को लेकर प्रार्थी और अनुराधा मैनदोला के मध्य विवाद चल रहा है। उक्त मकान को हथियाने के मक्सद से अनुराधा मंदोला जो की खुद को अधिवक्ता बताती है आए दिन नये प्रपंच रचती रहती है। अनुराधा मंदोला के उग्र व्यवहार और हकरतो की वजह से पुलिस ने प्रार्थी और अनुराधा मंदोला का द.प्र.स. 1973 की धारा 107/116 में दोनो का चालान काट रखा है।
यह कि उक्त वाद सं0 279/2023 की तिथि आज नगर मजिस्ट्रेट देहरादून के न्यायालय में लम्बित थी। जिसे भुगतने के लिये प्रार्थी आज सुबह 12ः10 बजे न्यायालय में आया था। जैसे ही प्रार्थी न्यायालय के अन्दर दाखिल हुआ उसने देखा कि काफी भींड़ है तो वह बाहर आकर खड़ा हो गया। अनुराधा मंदोला भी, कुछ लोगो के साथ प्रार्थी का वहीं इंतजार कर रही थी। जिसने प्रार्थी को देखते ही गाली गलौज शुरू कर दी और उसका कालर पकड़ लिया और उसके साथ खींचातानी करने लगी और खींचते-खींचते न्यायालय के अन्दर ले गई।
बहुत मुश्किल और न्यायालय के कर्मचारियों की मदद से प्रार्थी ने खुद को उसके चुंगल से बचाया और अनुराधा मंदोला न्यायालय के बाहर चले गई और न्यायालय के बाहर से प्रार्थी को मां-बहन की गंदी-गंदी गालिया देने लगी।
न्यायालय के बाहर खड़ी होकर अनुराधा मंदोला प्रार्थी पर झूठे-झूठे आरोप लगाने लगी और बाहर आने की धमकी देने लगी और कहने लगी तू बाहर आ जा तुझे तो मैं आज मार-मार के मोर बना दूगी। अनुराधा मंदोला ने अपने हाथ मे झाडू पकड़ रखा था और जोर-जोर से चिलाकर लोगों को भड़का रही थी और उन्हें उग्र कर रही थी कि वह प्रार्थी को न्यायालय से बाहर निकालकर उसे पीट-पीटकर मार डाले। यह कि प्रार्थी शुगर और बी0पी0 का मरीज है। जिसकी वजह से उसकी तबीयत भी बिगड़ गई। प्रार्थी को इस कदर आतंकित किया गया कि प्रार्थी डर के मारे कापने लगा और उसकी हालत बिगड़ गई।
यह कि प्रार्थी ने नगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट के अन्दर से पहले कोतवाल साहब को फोन किया। जिन्होंने जल्द फोर्स भेजने का आश्वासन दिया। बाद में प्रार्थी ने 12ः22 पर नगर मजिस्ट्रेट को कॉल किया लेकिन बात नहीं हो पाई। फिर प्रार्थी ने 12ः25 पर 112 पर कॉल किया और आप बीती सुनाई और मदद की गुहार की। धीरे-धीरे अनुराधा मंदोला के उकसाने पर न्यायालय के बाहर प्रार्थी को मारने के लिये लोगों का जमावड़ा लगता चला गया और अनुराधा मंदोला और कुछ शरारती तत्व प्रार्थी को बाहर आने के लिये धमकाने लगे। प्रार्थी ने फिर आने फोन से 12ः27 पर पुलिस महानिरीक्षक को कॉल किया लेकिन बात नहीं हो पाई। प्रार्थी ने फिर 12ः30 पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को कॉल किया। प्रार्थी की बात कप्तान साहब के सुरक्षा कर्मी से हुई और प्रार्थी ने उनसे अपने जांन की भींख मांगी।
प्रार्थी को आतंकित करने वाली घटना के दौरान प्रार्थी के वकील करीब 12ः24 पर उनके पास पहुंच गये थे। जिन्होंने ढाल की तरह प्रार्थी को सुरक्षित रखने की चेष्ठा की। नगर मजिस्ट्रेट के आने पर प्रार्थी नगर मजिस्ट्रेट से मिला। जिन्होंने प्रार्थी को सुरक्षित रखा। कुछ ही देर में कोतवाली पुलिस कोतवाल साहब के नेतृत्व में नगर मजिस्ट्रेट न्यायालय मे आ गई और उन्होंने सभी उपद्रवियों को सख्त हिदायत दी और बहुत मुश्किल से करीब एक घण्टे बाद प्रार्थी को नगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट से निकाला।
यह कि यदि पुलिस समय रहते वहां न पहुुंचती तो अनुराधा मंदोला और उनके साथी प्रार्थी को पीट-पीटकर जान से मार देते। यह कि अनुराधा मंदोला ने सोची समझी साजिश के तहत नगर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर विधि विरूद्ध जमाव किया और जमाव को उकसाया तथा जमाव के माध्यम से आपराधिक बल का प्रदर्शन किया, जिससे कि अनुराधा मंदोला वादग्रस्त सम्पत्ति का कब्जा ले सके तथा प्रार्थी को अपने अमूर्त अधिकार से वंछित कर सके।
अनुराधा मंदोला ने इस प्रकार से विधि विरूद्ध जमाव को उसाया कि जब प्रार्थी पुलिस की सुरक्षा में नगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट के बाहर से निकला तो अनुराधा मंदोला और उनके साथी प्रार्थी को मारने के लिये लपके। अनुराधा मंदोला ने पहले झाडू पकड़ रखा था लेकिन जब पुलिस ने प्रार्थी को सुरक्षा की दृष्टि से वाहन में बैठा दिया तो वह बहुत बड़ा पत्थर लेकर प्रार्थी की ओर लपकी लेकिन महिला पुलिस ने उन्हंे रोक लिया। नहीं तो वह पत्थर का वार करके प्रार्थी को जान से मार देती। अनुराधा मंदोला ने प्रार्थी पर आपराधिक बल का प्रयोग किया, उसपर हमला किया।
यह कि प्रार्थी को करीब एक घण्टे तक नगर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सदोष परिरोध में रखा गया और उसे मजबूरन सदोष अवरोध में रहकर अपने जान बचानी पड़ी तथा इस दौरान न्यायालय के बाहर से अंगवक्षिप, तैयारी दिखाकर प्रार्थी को भयभीत और आतंकित रखा। अनुराधा मनदोला ने वादग्रस्त सम्पत्ति को प्राप्त करने के मक्सद से भरे न्यायालय में प्रार्थी को उद्यापन की धमकी दी। प्रार्थी ने नगर मजिस्ट्रेट कोर्ट के अन्दर और बाहर यह हरकत कर 107/116 द.प्र.स. 1973 का भी उल्लघंन किया है।
अतः श्रीमानजी से प्रार्थना है कि उपरोक्त तथ्यों के आधार पर अनुराधा मनदोला एवं अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नगर मजिस्ट्रेट न्यायालय देहरादून के दि0 20.12.2023 के अन्दर व बाहर लगे सी0सी0टी0वी0 फुटेज को सुरक्षित करे और इनके खिलाफ सख्त से सख्त धाराओ में कार्यवाही करने की कृपा करे और प्रार्थी को पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाये।
इस पर कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महिला अधिवक्ता अनुराधा पर आईपीसी की धारा 323 506 और 504 में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
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