August 4, 2025

rashtriyadiyasamachar

एक राष्ट्र, एक विधान, एक नजर,एक खबर

एशिया ओसिएनिया रिसर्च आर्गेनाइजेशन ऑन जेनिटल इन्फेक्शन्स एंड नियोप्लेजिया इंडिया का 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ समपन्न, एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश और दुनियाभर से 400 से अधिक प्रतिनिधियों और संकाय ने किया प्रतिभाग।

एशिया ओसिएनिया रिसर्च आर्गेनाइजेशन ऑन जेनिटल इन्फेक्शन्स एंड नियोप्लेजिया (एओजीआईएन), इंडिया का 12वां राष्ट्रीय सम्मेलन, 2023 रविवार को विधिवत समपन्न हुआ एम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश और दुनियाभर से 400 से अधिक प्रतिनिधियों और संकाय ने प्रतिभाग किया।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह की देखरेख में आयोजित सम्मेलन में उन्होंने भारत में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते बोझ के बारे में चर्चा की और कहा कि गर्भाशय के मुंह के कैंसर के बढ़ते मरीजों के मद्देनजर एम्स ऋषिकेश एक महिला कैंसर केंद्र शुरू करने के लिए उत्सुक है।

कांफ्रेंस की मुख्य सलाहकार संस्थान की डीन एकेडमिक्स एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर हमारे देश में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है और इसे लगभग पूरी तरह से रोका जा सकता है।

इस अवसर के मुख्य अतिथि फ्रांस से इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च इन कैंसर के पूर्व प्रमुख डॉ. आर शंकरनारायणन ने एकल खुराक टीकाकरण के बारे में बात की, जिससे टीकाकरण की लागत कम हो जाएगी और इस प्रकार इसका कवरेज बढ़ जाएगा।

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए संस्थान की स्त्री रोग ऑन्कोलॉजिस्ट प्रोफेसर शालिनी राजाराम ने कहा कि यह सम्मेलन विभिन्न महिला जननांग पथ की घातकताओं के प्रबंधन से निपटने वाले पेशेवरों को अद्यतन करने के लिए आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि एक सफल कैंसर रोकथाम कार्यक्रम के तीन स्तंभ हैं, शिक्षा और जागरूकता, टीकाकरण और स्क्रीनिंग। प्रोफेसर शालिनी ने बताया कि गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर पूर्व घावों का पता लगाने के लिए प्रतिमान परिवर्तन मानव पैपिलोमा वायरस का परीक्षण है, जो लगभग सभी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बनता है। ऐसा 5 से 10 साल में एक बार ही करना होता है।

इंटरनेशनल कांफ्रेंस में पिछले दो दिनों के विचार-विमर्श में विशेषज्ञों द्वारा निचले जननांग पथ के कैंसर की रोकथाम से लेकर उपचार तक के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। जिसके तहत एचपीवी परीक्षण और टीकाकरण पर कई संवादात्मक चर्चाएं और संगोष्ठियां आयोजित की गईं। बताया गया कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्वदेशी भारतीय वैक्सीन अब उपलब्ध है, साथ ही एमएसडी की वैक्सीन भी उपलब्ध है। इसमें देशभर के सर्वश्रेष्ठ कैंसर संस्थानों के प्रतिष्ठित पेशेवरों ने भाग लिया।


सम्मेलन के दौरान स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के संकाय सदस्य प्रोफेसर अनुपमा बहादुर, डॉ. रूबी गुप्ता, डॉ. लतिका चावला, डॉ. अमृता गौरव, डॉ. कविता खोईवाल, डॉ. राजलक्ष्मी मुंद्रा, डॉ.ओम कुमारी, डॉ पूनम गिल ने सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।

You may have missed

Share