August 2, 2025

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कोटद्वार नगर में व्यापारी जल्द बंद कर सकते है बाजार, भारी धनराशि का टैक्स बढ़ा रहा मुश्किलें। उत्तराखंड सरकार शहरी विकास विभाग के आदेश का पालन कर रहा कोटद्वार नगर निगम

कोटद्वार। नगर निगम कोटद्वार की ओर से पूरे कोटद्वार क्षेत्र में अत्यधिक धनराशि का व्यवसायिक कर लेने के के निर्णय के बाद से नगर के सभी व्यापारियों में आक्रोश है। इस संबंध में प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने इसका पुरजोर विरोध किया है।प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष विवेक अग्रवाल के नेतृत्व में आज सभी व्यापारी नेता नगर निगम कोटद्वार के आयुक्त से मिले। व्यापारी नेताओं की ओर से नगर निगम कोटद्वार के आयुक्त को दिए गए पत्र में कहा कि इस कर का निर्धारण व्यापारी प्रतिनिधियों की बिना सहमति से किया गया हैं। कोरोना काल से ही व्यापारियों की स्थिति दयनीय है। इस समय इस कर का कोई औचित्य नहीं है। व्यापारी वर्ग इसके अतिरिक्त अनेक करों का बोझ ढो रहा है। जिससे उसकी स्थिति खराब हैं। सुविधाओं के नाम पर नगर निगम की ओर से कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है। पार्किंग, सड़कों, आवारा पशु, सीवर और अन्य असुविधाओं से व्यापार की हानि हो रही हैं। नगर निगम गठन के समय 10 वर्ष तक कोई नया कर न लगाने का प्रावधान किया गया था। अन्य निगमों की ओर से भी इस प्रकार का कोई कर हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश, रूड़की व हल्द्वानी में नहीं लगाया गया है। पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया था लेकिन शहरी विकास विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा निगम की आय का हवाला देकर इसे फिर शुरू करने को कहा है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि व्यापारियों पर थोपे गये अव्यवहारिक व्यावसायिक कर को वापिस नही लिया गया तो व्यापारी वर्ग और व्यापारी संस्थायें अपने प्रतिष्ठान बंद कर सड़कों पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होंगें। इस मौके पर जिला महामंत्री लाजपत राय भाटिया, मनोज अग्रवाल, सेवक मनुजा, अजय गुप्ता, दिनेश अग्रवाल, अनीत चावला आदि उपस्थित रहे।

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