August 2, 2025

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राजधानी की गली गली मे घुमते संदिग्ध फेरी वाले एक ही गली मे कई कई बार घुमने का क्या हो सकता है मकसद ,आखिर पुलिस क्यो है खामोश

उत्तराखंड मे पिछले कुछ समय से पडौसी राज्यो से आकर पहाड हो या मैदान सैकड़ो की तादाद मे फैरी वालो का बोल बाला दिखाई दे रहा है एक ही मोहल्ले मे तीन तीन फेरी वाले थोडे थोडे अंतराल मे माईक पर एनाउंसमेंट करते घुमते रहते है मजे की बात तो ये है कि आज एक गली मे अगर कुकर गैस चुल्ह सिलाई मशीन ठीक करने वाला आयेगा तो सभी इसी तरह के फेरी वाले दिखाई पडते है अगर कंबल वाला आयेगा तो सभी उसी तरह के आयेगे ये सिलसिला कौरोना काल के बाद से ज्यादा शुरू हुआ है और ये महज एक इत्तफाक भी हो सकता है कि जब से इस तरह के फेरी वालो की हलंचलं राज्य मे बढी है तब से चोरी चकारी ,और नशे के सामान की आमद मे भी बढ़तरी देखने मे आने लगी है इनमे से ज्यादातर से अगर कोई आदमी इनसे इनका पहचान-पत्र माग ले तो परदेस मे होने के बावजूद भी हैकडी दिखाते है जिससे लगता है कि इन लोगो की पीठ पर जरूर कीसी का हाथ होता है इस बात की चर्चा हर गली हर मौहल्ले मे अब होने लगी है कि ये लोग व्यापार करने के उद्देश्य से सैकड़ो किलोमीटर मोटरसाइकिल का पेट्रोल फूकं कर क्या वास्तव मे व्यापार ही कर रहे है या फिर कीसी अवैध धंधे मे लिप्त या फिर कीसी घटना की रैकी करने के मक़सद से घूम रहे है स्थानीय लोगो का कहना है की इस बात की सूचना कई बार चौकी थानो को दी जा चुकी है लेकिन पुलिस कार्यवाई के नाम पर सिफर ही साबित हुई है पिछले साल से आज तक का इतिहास अगर खंगाला जाये तो हर चोरी डकैती या फिर अवैध चरस,गांजा या स्मेक का कारोबार करने वालो से इन लोगो के सीधे संबंध सामने आये है ये बात खुद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलिप सिंह कुंवर ने अपराधीयो को पकडने के बाद पत्रकार वार्ता मे स्वीकारा है फिर ऐसी क्या वजह हो सकती है कि इन व्यापार करने के नाम पर रैकीं करने वालो पर लगाम नही लग पा रही है

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