August 1, 2025

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हल्द्वानी के दंगे मे पत्थरबाज के समर्थन मे सोशल मिडिया पर विडियो हो रहा वायरल, पुलिस पर पत्थर फेकने वाले आरोपी को बताया जा रहा है मसीहा,पुलिस का दावा ठोस सबूतो के आधार पर की गई कार्यवाही।

सोनू कुमार (राष्ट्रीय दिया समाचार) नैनीताल

सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जहा पर कोई भी आदमी एक दिन मे ही मशहूर हो जाता है लेकिन कुछ लोग शराफत का लबादा ओढ़कर इस प्लेटफार्म का नाजायज फायदा उठाने से भी नही चूकते पिछले कुछ दिनो से सोशल मीडिया पर हल्द्वानी के वनभूलपुरा मे हुई हिंसा के बाद घायल महिला पुलिसकर्मी का इलाज करते कुछ लोगो का विडियो वायरल हो रहा है जिसमे हिंसा मे संलिप्त लोगो मे से एक पत्थरबाज ने बडे शातिराना अंदाज मे एक विडियो रिकार्ड कराया जिसमे वह पत्थरबाजी मे घायल महिला पुलिसकर्मी की मदद कर कर रहा है लेकिन अगर आप विडियो को गौर से देखे तो साफ साफ पता चलता है कि इस व्यक्ति का उद्देश्य कीसी घायल की मदद करना नही था बल्कि अपने आपको पाक साफ दिखाना था जब इस विडियो की पडताल हमारे संवाददाता ने की तो पता चला कि इस विडीयो मे दिखने वाले मौकीन सैफी ने घटना वाले दिन पुलिस और प्रशासन पर जमकर पत्थर और पेट्रोल बम बरसाये थे पुलिस के पास इस आरोपी की ऐसी कई विडियो मौजूद है जिसमे आरोपी हाथ मे पत्थर लेकर पुलिस पर दनादन फेक रहा है बीच बीच मे जलता हुआ पेट्रोल बम भी मौकीन के हाथो से चलता हुआ साफ साफ दिखाई दे रहा है पक्के सबूतो के और गवाहो के बयान पर पुलिस ने मौकीन सैफी को गिरफ्तार कर लिया और पुख्ता सबूतो के साथ अदालत मे पेश कर दिया अदालत ने भी ठोस सबूतो के आधार पर मौकीन को अगले आदेश तक जेल भेज दिया लेकिन मौकीन के शातिर दिमाग का कमाल देखकर हर कोई दंग है कि पहले जो मौकीन जल्लाद बनकर रेवडीयो की तरह पुलिस पर दनादन पत्थर बरसा रहा था झगडा शान्त होने के बाद मौकीन ने एक घर मे घायल पडी महिला सिपाही की मदद करने का विडियो अपने बचाव मे रिकार्ड करा लिया जिसे कुछ लोग अब सोशल मीडिया पर वायरस करते हुए दावा कर रहे है कि पुलिस ने मौकीम को झूठा फंसाया है विश्वस्त सुत्रो की माने तो अब पुलिस इस विडियो को रिकार्ड करने वाले की तलाश कर रही है और विडियो की फॉरेंसिक जांच करा कर विडियो की तह तक जाने की कवायद मे जुटी हुई है आखिर पुलिस और मौकीन दोनो मे से सच कौन है ये तो भविष्य के गर्भ मे छिपा हुआ है लेकिन एक बात साफ है कि अगर पुलिस के दावे मे सच्चाई है तो रंग बदलने मे मौकीम गिरगिट से भी ज्यादा शातिर दिमाग लग रहा है जो केवल एक विडियो के आधार पुलिस और जांच एजेंसियो की जांच पर सावलिया निशान लगाने का प्रयास कर रहा है और अगर मौकीम की वायरल वीडियो सच है तो पुलिस के पास मौजूद विडियो और फोटो किसके है जो दंगे मे बढ चढकर भाग ले रहा है।

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