September 1, 2025

rashtriyadiyasamachar

एक राष्ट्र, एक विधान, एक नजर,एक खबर

रुकने का नाम नहीं ले रहा है कोटद्वार में अवैध खनन,बेखौफ 10 टायरा और 12 टायरा डम्पर चढ़ रहे हैं पहाड़।

राजेन्द्र शिवाली (राष्ट्रीय दिया समाचार) कोटद्वार

कोटद्वार। सिंचाई विभाग द्वारा सुखरों और मालन नदी में ठेकेदारों द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों की आड़ में खनन माफियाओं द्वारा राजस्व, वन और पुलिस प्रशासन के संरक्षण में खुलेआम ट्रेक्टर ट्रालियो व डम्परो से अवैध खनन किया जा रहा है। यूं तो वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन अपने आपको पाक साफ और ईमानदार होने का दावा करते हैं, लेकिन नदियों में हो रहे अवैध खनन पर आंखें बंद कर चुप्पी साधे हुए हैं। जनपद बिजनौर के रायपुर क्षेत्र से दिल्ली फार्म के रास्ते दिन रात ट्रेक्टर ट्रालियो से खनन माफियाओं द्वारा अवैध खनन कोटद्वार भाबर में घर घर पहुंचाया जा रहा है। यही नहीं, अवैध खनन से भरे 10 टायरा व 12 टायरा डम्पर सेंधीखाल और लैन्सडाउन की चढ़ाई राजस्व, वन और पुलिस प्रशासन की नाक के सामने से धड़ल्ले से निकल रहे हैं। अवैध खनन पर विधानसभा अध्यक्ष एवं कोटद्वार विधायिका रितु खंडूरी के अवैध खनन पर रोक लगाने के अधिकारियों को दिए गए सख्त आदेशों के बावजूद आखिर किसकी शह पर अवेध खनन हो रहा है, इसका जवाब कोई भी देने को तैयार नहीं है। मालन व सुखरों में तो वन आरक्षित क्षेत्र के रास्ते खनन से भरी ट्रेक्टर ट्रालियां गुजर रही है। अभी हाल ही में नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रत्येक जिले में नदियों से अवैध खनन को रोकने के लिए एसटीएफ का गठन करने के निर्देश प्रदेश सरकार को दिए हैं और सरकार को दो सप्ताह में इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को देने को कहा है, लेकिन इसका कोई असर खनन से सम्बंधित अधिकारियों पर नहीं दिखाई दे रहा है। यह भी दुर्भाग्य की बात है कि खनन माफिया और सम्बंधित अधिकारी विधानसभा अध्यक्ष के आदेश व निर्देशों को भी ताक पर रखकर खनन माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं और उनके आगे नतमस्तक हैं, जबकि खनन माफिया पुलों के पिलरों की जड़ों तक को खोद रहे हैं। सुखरों पुल का धंसना इसका उदाहरण है।

शिवाली पत्रकार

You may have missed

Share