September 6, 2025

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राजधानी मे गिरते पारे और कोहरे के चलते मेयर ने रैन बसेरों और जलते अलाव का लिया जायजा,रैन-बसैरो का बाहर खुले मे लोगो को सोते देख चढा गामा का पारा,अघिकारी को लगाई झाड़।

उत्तराखंड में भले ही मौसम शुष्क बना हुआ है। लेकिन सुबह शाम पड़ रहा कोहरा और पाला तापमान गिरा रहा है।

मैदानों में सुबह कोहरा तो पहाड़ों में पाला पड़ने से कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। हालांकि दिन में चटख धूप खिलने से ठंड से कुछ राहत मिल रही है।

राज्‍य मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के

Uttarakhand Weather : कोहरे और पाले से सुबह-शाम गिर रहा पारामैदानों में सुबह कोहरा तो पहाड़ों में पाला पड़ने से कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार क्रिसमस के बाद मौसम बदलाव आ सकता है। मौसम में आए इस बदलाव से नए साल से पहले बारिश और बर्फबारी हो सकती है सर्द मौसम में बेसहारा जन को आसरा देने के लिए बनाए गए रैन बसेरे खाली पड़े हैं और बेसहारा जन सड़क पर खुले में सो रहे हैं। सोमवार शाम महापौर सुनील उनियाल गामा शहर में नगर निगम के चार रैन बसेरों की स्थिति जानने निकले तो पाया कि बेहद कम संख्या में लोग रैन बसेरों में शरण ले रहे हैं।

इस पर उनका पारा चढ़ गया। अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी व्यक्ति फुटपाथ या सड़क पर न सोए। ऐसे सभी व्यक्तियों को रैन बसेरों में रखा जाए। उन्होंने नगर निगम की ओर से चौराहों-तिराहों पर जलाए जा रहे अलाव की स्थिति भी देखी।

महापौर ने सबसे पहले पटेलनगर में लाल पुल स्थित रैन बसेरे में पहुंचकर वहां की स्थिति देखी। रैन बसेरे में एक कमरे में पीएसी के जवान रह रहे थे, जबकि बाकी कमरों में बेसहारा जन के रुकने की व्यवस्था थी। बिस्तर व अन्य व्यवस्था चाक-चौबंद मिलने पर महापौर रेलवे स्टेशन पहुंचे और अलाव का निरीक्षण कर आग ताप रहे आमजन से बातचीत की। इसके बाद वह घंटाघर स्थित चुक्खूवाला रैन बसेरे पहुंचे। यहां करीब दो दर्जन लोग ठहरे मिले।

महापौर ने उनसे बातचीत की तो पता चला कि ठहरने की सस्ती और सुलभ व्यवस्था देख वह रैन बसेरे में रुके थे। महापौर को चूना भट्ठा रैन बसेरे में सिर्फ दो लोग ठहरे मिले। महापौर ने बताया कि सभी रैन बसेरों में बिस्तरों व अन्य जन सुविधाओं का पूरा इंतजाम है। महापौर ने सभी रैन बसेरों में रजिस्टर और ड्यूटी चार्ट भी चेक किया।

25 नवंबर से खोले गए रैन बसेरे

हर साल रैन बसेरे दिसंबर में खोले जाते हैं, लेकिन इस मर्तबा मौसम ने नवंबर में ही कड़ाके की ठंड का एहसास कराया तो 25 नवंबर से ही नगर निगम ने रैन बसेरे खोल दिए। सड़कों पर बेसहारा सोने वालों की सुध लेते हुए महापौर ने निगम के घंटाघर, लालपुल, रायपुर व आइएसबीटी ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरों में सुविधा के पूरे इंतजाम करने के निर्देश दिए थे

 

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